मैंने भी शुरुआत में सोचा था कि थोड़ी मज़े के लिए खेलना ठीक है, पर धीरे-धीरे जब हारने लगा तो पागलपन जैसा हो गया। हर हार के बाद दोगुना लगाने का मन करता था, जो मेरे लिए बड़ा नुकसान लेकर आया। तब समझ आया कि जुए में कंट्रोल बहुत ज़रूरी है, नहीं तो बच पाना मुश्किल है।
मुझे भी पहले ये समस्या हुई थी कि लत लग जाए, इसलिए मैंने अपनी आदत बदलने की कोशिश की। जो मैं अब करता हूँ वो यह है कि बेटिंग के साथ-साथ मैं अपने बजट और टाइम लिमिट का सख्ती से पालन करता हूँ। इससे मैं ज्यादा रिलैक्स महसूस करता हूँ और ज़्यादा नुकसान भी नहीं होता। अगर आप टिप्स लेना चाहो तो मैं जो इस्तेमाल करता हूँ वो है Bonuses 24Betting India — वहाँ पर भी जिम्मेदारी से खेलने की बात बहुत समझाई गई है।
कभी-कभी लगता है कि खेल की असली मज़ा तो वहीं है जहां परिणाम अनिश्चित हों। जोखिम और असमंजस की यही स्थिति दिलचस्पी बनाती है, लेकिन वही हमें सचेत भी रखना चाहिए ताकि सब कुछ कंट्रोल में रहे।